उम्र को
दराज़ में रख दो
उम्रदराज़ न बनो
खो जाओ
ज़िन्दगी में
मौत का
इन्तज़ार न करो....
जिसको आना है आये
जिसको जाना है जाये
हम तो जीना जानते हैं
जिनसे मिलते हैं
बार बार उन्हीं को
पहचानते हैं....
कभी बचपन
को जीता हूँ
कभी जवानी के
सपने सँजोता हूँ
बुढापे में भी रहूँगा
जवान ही ऐसा हर
पल सोचता हूँ....
महफिलों का
शौक रखता हूँ
दोस्तों से
प्यार करता हूँ
जो रिश्ते
मुझे समझ सकें
मैं सिर्फ
उनसे जुड़ा रहता हूँ....
बँधता नहीं किसी से
ना किसी को बँधने पर
मजबूर करता हूँ
दिल से जोड़ता हूँ
हर रिश्ता,
उन रिश्तों से
दिल से जुड़ा
रहना चाहता हूँ....
हँसना मुझे भाता हैं
पर अपनों के लिये
रोने से भी गुरेज नहीं
जो देता है
एक बार धोखा
उससे दूर जाने
में भी परहेज़ नहीं....
याद आते हैं
वो लोग कभी तो
आँखें भिगो लेता हूँ
फिर ज़िन्दगी की
हसीन वादियों
में खो जाता हूँ....
जानता हूँ कि
ज़िन्दगी के पास
वक्त कुछ कम हैं
तो फिर
शिकवे शिकायतों
का समय नहीं....
उम्र को
दराज़ में रख दो
उम्रदराज़ न बनो
खो जाओ
ज़िन्दगी में
मौत का
इन्तज़ार न करो....
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